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गेहूं के विपणन तथा भंडारण के कुछ उपाय

गेहूं के विपणन तथा भंडारण के कुछ उपाय

गेहूं की कटाई व गहाई  पूरी हो गई है। अब कुछ लोग मंडियों में न्यूनतम मूल्य यानी एम.एस.पी. पर अपनी उपज बेच रहे हैं तो कुछ लोग अपने इस्तेमाल या अच्छे दाम की उम्मीद में अनाज का  भंडारण कर रहे हैं। लेकिन, अगर भंडारण का तरीका सही नहीं हुआ तो अनाज खराब होने का खतरा पैदा होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक अनाज को भंडारण में रखने के लिए कई बाते ध्यान रखने योग्य हैं,

जैसे-

  1. अनाज भंडारण मे रखने से पहले भंडारघर की सफाई करें,
  2. अनाज को अच्छी तरह उसे सुखा लें,
  3. दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए,
  4. छत या दीवारों पर यदि दरारें हैं तो इन्हे भरकर बंद कर लें,
  5. बोरियों को धूप में सुखाकर रखें,
  6. बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें,
  7. अगर संभव हो तो, गेहूं को नमी-रोधी, खाद्य-श्रेणी की पैकेजिंग में संग्रहित करें, जैसे माइलर-प्रकार के बैग, पॉलीथीन बैग,
  8. अनाजकीबोरियोंकेसीधेजमीनपरनारखेजमीनसे 10-12 इंचऊपररखें,
  9. चूहों के नियंत्रण के लिए मूषकनाशी दवा व, चूहे दानी का प्रयोग करें।
  10. यदि लंबे समय तक भंडारण किया जाता है, तो कीटनाशकों के प्रयोग की आवश्यकता होगी,
  11. गेहूँ को आक्सीजन के अभाव में तब तक भण्डारित करना आवश्यक नहीं है जब तक कीट उपस्थित न हों,
  12. अगर खुले में भण्डारण कर रहे हैं, तो बोरियों के चट्टे  को तिरपाल से ढक दें ।



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गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कैसे करें :

देश, विदेश में गेहूं की मांग बढ़ती जा रही है।  इसलिए सरकार गेहूं को समर्थन मूल्य में खरीदना शुरू कर दिया है, जिसका पैसा सीधे बैंक खाता में मिलता है। लेकिन अधिकांश किसानों को गेहूं का पंजीकरण कैसे करते है पता नहीं होता है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वेबसाइट, https://fcs.up.gov.in शुरू की है, ताकि राज्य के सभी किसान गेहूं को समर्थन मूल्य में बेचने के लिए घर बैठे मोबाइल से पंजीकरण कर सके।  गेहूं की बढ़ती लागत  को देखते हुएसरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य को 110 रूपए बढ़ा दिया है इस वर्ष, 2023 में  गेहूं  का समर्थन मूल्य 2125 रूपए है।  गेहूं के साथ ही साथ सभी प्रकार के रबी फसल के समर्थन मूल्य में वृद्धि किया है,  लेकिन बहुत से किसानों को इसकी जानकारी नहीं होते है, जिसके कारण गेहूं को बाजार में बेच देते है। गेहूं को समर्थन मूल्य में बेचने के लिए पंजीकरण करना बहुत ही आसान है।

गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कैसे करें ?

  • सबसे पहले गेहूं का पंजीकर  करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट https://fcs.up.gov.in/ को खोलना
  • इसके बाद यूपी सरकार खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट खुल जायेगा जिसमे गेहूं क्रय प्रबंधन प्रणाली के ऑप्शन का चयन करें,
  • गेहूं क्रय प्रबंधन प्रणाली के ऑप्शन को सेलेक्ट करने के बाद नया पेज खुलेगा जिसमे आपको गेहूँ 2023-24 के ऑप्शन को चुनना है।
  • इसके बाद शाखा का नाम, यूजर टाइप, ईमेल आईडी, पासवर्ड एवं कैप्चा कोड भरकर submit बटन का चयन कर देना है।
  • इसके बाद गेहूं का पंजीयन करने का फॉर्म खुल जायेगा जिसमे पूछे गए सभी जानकारी को भरकर submit कर देना है।
  • इस प्रकार आप गेहूं को समर्थन मूल्य में बेचने के लिए घर बैठे मोबाइल से पंजीकरण कर सकते है और 2125 रूपए में गेहूं को बेच सकते है।

गेहूं का पंजीयन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोट साइज फोटो
  • जमीन का पर्ची
भारत में अब भर जाएंगें अन्न भंडार, जाने सरकार किस योजना पर कर रही है काम

भारत में अब भर जाएंगें अन्न भंडार, जाने सरकार किस योजना पर कर रही है काम

भारत में काफी ज्यादा लोग कृषि में लगे हुए हैं, देश का काफी ज्यादा हिस्सा खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत में काफी जमीन उपजाऊ है, लेकिन जहां पर बंजर जमीन है वहां पर भी सरकार द्वारा अनेक तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं ताकि वहां पर खेती की जा सके। किसान भी यहां पर खेती करने में कोई कसर नहीं रहने देते हैं और उत्पादन बढ़ाने के लिए रात दिन प्रयासरत रहते हैं। लेकिन फिर भी बहुत बार ऐसा होता है, कि किसानों को अपनी की गई मेहनत का फल पूरी तरह से नहीं मिल पाता है और किसी न किसी कारण से फसल बर्बाद हो जाती है या फिर उम्मीद के अनुसार उत्पादन नहीं हो पाता है। इस चीज के कई कारण है, लेकिन जलवायु परिवर्तन उनमें से एक है। इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए ही भारत सरकार ने एक योजना बनाने के बारे में सोचा है। माना जा रहा है, कि इस योजना के बाद भारत में अन्न भंडार हमेशा के लिए भरे रहेंगे और किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

घरेलू खाद्य संकट के निपटारे की ओर बढ़ेगा कदम

आजकल आए दिन कहीं ना कहीं कोई समस्या चलती रहती है, ऐसी ही कुछ चीजों से खाद्य संकट पैदा होना जाहिर सी बात है। जैसे- रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी। इसके अलावा आजकल जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक घटनाओं से भी फसलों को नुकसान हो रहा है, जिसका असर किसी भी देश के अन्य भंडार पर सीधे तौर से पड़ता है। ऐसे में भारत ने खाद्य संकट को खत्म करने के लिए कुछ कदम उठाने का फैसला किया है। भारत सरकार अब दुनिया के 'सबसे बड़ा अनाज भंडारण योजना' के विकास-विस्तार पर काम कर रही है।


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इस स्कीम के तहत जल्द ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण समेत दूसरे मंत्रालयों के तहत आने वाली कुछ योजनाओं को भी जोड़ दिया जाएगा। ये इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कोरोना महामारी से लेकर यूक्रेन-रूस युद्ध और दूसरी वैश्विक घटनाओं का सीधा असर खाद्य आपूर्ति पर हो रहा है। खाने पीने की सभी चीजों की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिससे लोगों में और सरकार में घरेलू खाद्य सुरक्षा की चिंता भी बढ़ रही है।

किया जाएगा साइलो भंडारण तरीके का इस्तेमाल

साइलो भंडारण तकनीक अनाज भंडारण की एक आधुनिक तकनीक है, जो पुराने जमाने में किए गए भंडारण के तरीके से कहीं ज्यादा सुरक्षित मानी गई है। साथ ही, इसमें पहले के मुकाबले ज्यादा अनाज का भंडारण भी किया जा सकता है। इसमें 12,500 टन भंडारण क्षमता के स्टील के टैंक बने होते हैं। पहले गोदाम आदि में बोरियों में भरकर अनाज को रखा जाता था, जिसमें एक के ऊपर दूसरी बोरी रखी जाती थी। बारिश या फिर किसी भी तरह की आपदा के चलते ऐसे में फसलों के बर्बाद होने की संभावना ज्यादा रहती है। लेकिन साइलो भंडारण में आधुनिक तकनीकों से लैस टैंकों में अनाज की सुरक्षित रखा जाता है, जिसमें नुकसान की कोई संभावना नहीं होती।


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अभी कुछ दिन पहले ही बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया और वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, कि मौजूदा उर्वरक की कमी खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है। ऐसे में आधुनिक अनाज भंडारण की योजना पर काम करना भविष्य में फायदेमंद साबित होगा।